Friday, July 5, 2013

H1B Visa :Good News For Indians

अमेरिकी सीनेट के फैसले से भारतीय प्रसन्न


Americam Supreme Courtवाशिंगटन, 2 जुलाई 2013--अमेरिकी सीनेट में व्यापक आव्रजन विधेयक पारित होने से लेकर सर्वोच्च न्यायालय से आए कई तरह के फैसले के चलते यह एक यादगार सप्ताह बन गया है, और खास बात यह कि ये फैसले व्यापक तौर पर भारतीयों पर असर डालने वाले हैं।
अमेरिकी सीनेट ने आव्रजन विधेयक को 32 के मुकाबले 68 मतों से पारित कर दिया था। इस विधेयक का भारतीय और अमेरिकी आईटी कंपनियों पर मिलाजुला असर होने की संभावना है। रिपब्लिकन पार्टी के 14 सीनेटरों ने इस विधेयक के पक्ष में डेमोक्रेटिक पार्टी के 54 सीनेटरों का साथ दिया।
भारतीय आईटीकर्मी अमेरिकी सरकार के इस फैसले से काफी प्रसन्न हैं . एच1बी वीजा की सीमा 85,000 से बढ़ाकर 195,000 कर दी गई है। इससे भारतीय पेशेवरों की अमेरिका में रोजगार पाने की संभाना बहुत अधिक बढ़ जाएगी। भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के छात्रों को अब ग्रीन कार्ड मिलने की उम्मीद और बढ़ गई है। आलोचकों को अवश्य इस बात की शिकायत हो सकती है कि इससे भारत से प्रतिभा पलायन की गति और अधिक बढ़ेगी।
इसके बावजूद दक्षिण एशियाई संगठनों का मानना है कि यह काफी त्रुटिपूर्ण विधेयक है। इसमें परिवार आधारित आव्रजन को रोकने की कोशिश की गई है। इसमें सहोदरों और शादीशुदा वयस्क बच्चों के आव्रजन और नागरिकता पर बेवजह बाधाएं खड़ी करने की कोशिश की गई है। अमेरिका में 1.1 करोड़ प्रवासी हैं, जिसमें 260,000 भारतीय हैं। इनमें भारतीय आईटी पेशेवरों की बहुलता है।
प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है और वे अपने एजेंडे पर काम कर रहे हैं। अमेरिकी उद्योग जगत, भारतीय तकनीकी कर्मियों का प्रभाव समूह और अन्य दक्षिण एशियाई संगठन विधेयक के राष्ट्रपति बराक ओबामा के समक्ष आने से पहले उनमें अपने मनपसंद बदलाव के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।
दूसरी ओर अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा क्लिंटन युग के डिफेंस ऑफ मैरिज एक्ट के एक प्रमुख खंड को असंवैधानिक ठहरा दिए जाने के कारण भी खुश हैं, क्योंकि यह केवल महिला और पुरुषों के बीच के विवाह को ही मान्यता देता था।

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