Thursday, August 19, 2010

हरिओम मेहता छिब्बर : मेरे अनुभव

चित्र में --श्री हरिओम मेहता सम्बोधित करते हुए साथ में श्री अशोक लव
'जनरल मोहयाल सभा' के साथ मेरा परिचय सन् 1982-83 में हुआ था। आज जब उन दिनों को याद करता हूँ तो जी एम एस की स्थिति देखकर आश्चर्य होता है। रायजादा बी डी बाली जी की सूझ बूझ के कारण ,उनकी लगन और सेवा भाव के कारण आज जी एम एस का कायाकल्प हो गया है। मोहयाल फौन्डेशन,मोहयाल भवन,मोहयाल आश्रम हरिद्वार और वृन्दावन,अनेक शहरों में बने मोहयाल भवन आदि उनकी दूरदर्शिता के साकार रूप हैं।
यह सब उनके साथ समर्पित भाव से कार्य करने वाले मोहयालों की कारण हुआ है। उनके मार्गदर्शन में सब काम हुए हैं।
श्री ओ पी मोहन (मेरिट और मोहयाल मित्र), श्री अशोक लव ( 'प्रतिभाशाली मोहयाल विद्यार्थी सम्मान' , मोहयाल मित्र , सांस्कृतिक और समस्त आयोजन ) , श्री डी वी मोहन ( सचिवालय और प्रशासन ), श्रीमती अम्बा बाली और श्रीमती के एल छिब्बर ( वैवाहिक रिश्ते-नाते), श्री जी एल दत्ता 'जोश' (इंटर एक्शन ), श्री बी एल छिब्बर और श्री सुशील के छिब्बर (वित्त ), श्री अश्वनी बाली ( जन संपर्क), श्री योगेश मेहता और श्री अश्वनी बक्शी ( युवा गतिविधियाँ) -- इन सबको देखकर अकबर के दरबार के रत्नों का स्मरण हो आता है।
आज विश्व स्तर पर मोहयालों की पहचान बनी है। ऐसा युग-पुरुष बी डी बाली जी और उनकी टीम के कार्यों के कारण हुआ है। विकास और प्रगति की इस रफ़्तार को बनाए रखने के लिए हम मोहयालों का फर्ज़ हो जाता है कि हम इन चुनावों में मोहयाल रत्न रायजादा बी डी बाली जी और उनकी टीम को फिर से चुनें , अपना वोट और समर्थन दें

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